थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य Shiv chaisa में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
नन्दि shiv chalisa lyricsl गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। shiv chalisa in hindi या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥